कर्मयोगी की सफलता की कहानियाँ :
ट्राइडेंट लिमिटेड में कई कर्मचारी अपनी मेहनत और समर्पण से उच्च पदों पर पहुँचे है | यहाँ कुछ उदहारण हैं :
हरिहर 2000 में ट्राइडेंट में शामिल हुए। वह तिरुपति में एक शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं। वफादारी और अपने स्वाभिमान के साथ उन्होंने 500+ छात्रों को पढ़ाया है और उन्हें ट्राइडेंट समूह में काम करने के लिए तैयार किया है। बिना औपचारिक स्कूली शिक्षा वाले छोटे से गाँव से आने के कारण, उन्होंने अपने लिए नाम बनाया है।
मेरे बुरे वक्त में ट्राइडेंट एक परिवार की तरह मेरे साथ खड़ा रहा। यहां सबके साथ मिलकर "कंधे से कंधा मिलाकर" चलकर, मैने चुनौतियों से लड़ना सीखा है।
तक्षशिला के साथ जुड़कर मैंने गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया कि वो अपनी लड़कियों को आगे बढनेे दें। मैने यहां पर सबसे बड़ा हौसला सीखा कि ‘कुछ भी असंभव नहीं है सबकुछ संभव है’।
अतुल बोल और सुन नहीं सकते हैं। वह ट्राइडेंट समूह में तौलिया में कार्टन पैकर के रूप में काम कर रहे हैं। वह ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने सामाजिक बाधाओं को चुनौती दी है और अपने जीवन में गौरव और आनंद का उपहार पाया है
हरिहर 2000 में ट्राइडेंट में शामिल हुए। वह तिरुपति में एक शिक्षक के रूप में काम कर रहे हैं। वफादारी और अपने स्वाभिमान के साथ उन्होंने 500+ छात्रों को पढ़ाया है और उन्हें ट्राइडेंट समूह में काम करने के लिए तैयार किया है। बिना औपचारिक स्कूली शिक्षा वाले छोटे से गाँव से आने के कारण, उन्होंने अपने लिए नाम बनाया है।
मेरे बुरे वक्त में ट्राइडेंट एक परिवार की तरह मेरे साथ खड़ा रहा। यहां सबके साथ मिलकर "कंधे से कंधा मिलाकर" चलकर, मैने चुनौतियों से लड़ना सीखा है।
तक्षशिला के साथ जुड़कर मैंने गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया कि वो अपनी लड़कियों को आगे बढनेे दें। मैने यहां पर सबसे बड़ा हौसला सीखा कि ‘कुछ भी असंभव नहीं है सबकुछ संभव है’।
अतुल बोल और सुन नहीं सकते हैं। वह ट्राइडेंट समूह में तौलिया में कार्टन पैकर के रूप में काम कर रहे हैं। वह ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने सामाजिक बाधाओं को चुनौती दी है और अपने जीवन में गौरव और आनंद का उपहार पाया है
कर्मयोगी विकास प्रक्रिया को पूरा करें और अपने उज्जवल भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं।